आया कर आया धूणे उपर आया कर
नाथां की भभूती खाया कर
सरस्वती नै कोन्या खाई
कुरड़ी मैं भभूत भगाई
या सूनी गोद भराया कर.....
बाछल राणी दुखी फिरे थी
गोरख गोरख जाके करे थी
नाथा का कहण पुगाया कर ....
कह सिसरिया माला ठाले
कलानौरिया तूं महिमा गाले
गुरु रामनिवास मनाया कर ....