हे भिलणी, तेरे आवेंगे भगवान रात नै सोईए मतन्या
1. बख्त उठ के कुटिया झाड़ी
सारे जंगल मैं देई बुहारी
हे भिलणी, तूं झाड़ बिछाईए खाट, खाट नै ठाईए मतन्या
2. बख्त उठ के जमना पै जाइये
ठंडे जल की झारी ल्याईए
हे भिलणी तूं पीले नैं दो घूंट, और तूं पीईए मतन्या
3. बख्त उठ बागां मैं आई
पीले फूल तोड़ के ल्याई
हे भिलणी, तूं पोले नैं दो हार, तीसरा पोईए मतन्या
4. खिडक़ी खोल के देखण लागी
बेरां नै वा चाखण लागी
हे भिलणी, तेरे खावेंगे भगवान, बेर नैं धोईए मतन्या
बेरां नै वा चाखण लागी
हे भिलणी, तेरे खावेंगे भगवान, बेर नैं धोईए मतन्या
5. राम और लक्ष्मण दोनों भाई
सीता साथ जनक की जाई
हे भिलणी, तन्नैं मांगणा हो सो मांग, आज शर्माइए मतन्या
सीता साथ जनक की जाई
हे भिलणी, तन्नैं मांगणा हो सो मांग, आज शर्माइए मतन्या
6. आपै हांसी आपै रोई
सारी जिंदगी बण मैं खोई
हे भिलणी, तेरे इब निकलेगे प्राण सखी थम रोईये मतन्या
सारी जिंदगी बण मैं खोई
हे भिलणी, तेरे इब निकलेगे प्राण सखी थम रोईये मतन्या