पहले किसे मनाईए तो किसका लीजे नाम
मात-पिता गुरू आपणो, तो भजो हरि का नाम
सुंडाला दुख भंजना तो काटो सकल क्लेश
सबसे पहले सुमरिए, गौरी पुत्र गणेश
दीनबंधू कृपा करो, सबके हरो संताप
स्वामी तीन लोक के, हरो क्लेश और पाप
सुर बिन मिले ना सरस्वती तो गुरू बिन मिले ना ज्ञान
गुरू बिन ज्ञान हराम है, चाहे बांचों वेद पुराण
सरस्वती माता तूं बड़ी तो दे बुद्धि हरि ज्ञान
दास जान कृपा करो तो मैं मुर्ख अज्ञान
पाट पधारो प्रेम गुरू तो शीतल मांड पलान
सोहन कर जो साखती तो हरे मलाशां रा मान
भजी बंदी जुना घणी, तो जुना आलम नाथ
थे प्यारा तो नर तिरा तो म्हारे मस्तक धरियो हाथ
रामां कहूं के रामदे, थाना हीरा कहूं के लाल
जाने मिलिया रामदेव तो वो नर होया निहाल
रामा श्यामा आवीयो, कलियुग भये करूर
अर्ज करूं अजमाल रा, हेलो सुणो जरूर
श्री रामदेव अवतार की लीला करां बखान
हृदय माही आन बसो, नेजा थारी भगवान