नाथ का चिमटा बाजे री, सुण बाछल थारे बाग मैं
नाथां की जमात आई बाछल थारे बाग मैं
शिव अवतारी बाबा गोरख बैठे थारे बाग मैं
भाग उड़े सुते जागे री, सुण बाछल थारे बाग मैं
धूणे उपर गोरख बाबा बैठे बैठे ध्यान करें
14 सौ चेले संग मैं हरि गुणगान करें
नाथ इसे जमके नाचे री, सुण बाछल थारे बाग मैं
पैरा मैं खड़ाउ और चिमटा सै हाथ री
सोने की ज्यूं दमदम दमकै नाथ जी का गात री
मात्थे पै चांद सजाया री, सुण बाछल थारे बाग मैं
गुरु भक्ति से हरदम होते बेड़े पार री
राजबीर का चेला यो विकास सेवादार री
मुकेश का गाणा बाजे री, सुण बाछल थारे बाग मैं