आनंद का नहीं ठिकाना, इस बाबा के दरबार मैं

 आनंद का नहीं ठिकाना, इस बाबा के दरबार मैं

1. कोए नाचे सै कोए गावे, कोए पेट पलणियां आवै
आवण की दरखास लगावै, कोए अपनी अर्जी लावै
जिसपै दया तुम्हारी, वो कोन्या रहता हार मैं ......

2. मेहंदीपुर के बालाजी तूं सच्चा सै न्याकारी हो
मेहंदीपुर के बालाजी तन्नैं जाणे दूनियां सारी हो
कोए गोद भरा के जावै, कोए बैठया सै इंतजार मैं ....

3. प्रेतराज और भेरों बाबा सबके संकट काटे सै
जो भी इसके दर पै आया, सबके साटे साटे सै
यो सबके दुख ने काटे, जो आग्या इसकी धार मैं ......

4. कह मुरारी दर तेरे की सबतै न्यारी माया सै
दया धर्म जिसके मन मैं उसपै तेरी छाया सै
तूं घाटे के म्हां आग्या, या धूम मची संसार मैं .......

Anand Ke Lute Khajane Baba Ke Darbar Me

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