कैसे हो निर्माण हमारा, डगमग डोले भारत सारा
ना दिखे कोए घाट किनारा, बेड़ा डूब्या देश का
ना दिखे कोए घाट किनारा, बेड़ा डूब्या देश का
1. नशे विषय में डोब दिए दूनियां के लोग लुगाई
पेट मैं बच्चा पेर अड़ार्या, बाहर खिंच रही दाई
दियासलाई बण्डल चाहवे, बीड़ी पीके बाहर आवै
सारा कुनबा खडय़ा लखावै छोरा जामेगी ठेस का
2. कोट पैंट पतलून पहर बाबू मस्त ख्याल मैं
गल मैं टाई आंख पै चश्मा मूतै खड़ा गाल मैं
बोल चाल मैं अपटूडेट सै अभी नहर का लगया मेट सै
कैसे बैठूं तेज वेट सै, प्रैस टूटज्या ड्रैस का
3. जवान लडक़ा जवान लडक़ी कालेज मैं पढने जावैं
आमां स्यामी कुर्सी बिछरी आपस मैं बतलावैं
मुसकावै कुछ जीभ हालरी वो लिख रया वा पेज डालरी
मेज तले कै लात चालरी, बेरा ना गुप्ती खेस का
4. घर का खाणा पसंद नहीं होटल से मीट मंगाते हैं
ले जगदीश साथ बीवी को रोज क्लब में जाते हैं
लादी सुरखी पोडर लाली, पीकै एक शराब की प्याली
बेबे नै कहै फिरकी वाली वो गाणा लगा मंगेश का
Kese ho Nirman Hamara Dagmag Dole Bharat Sara
Na dikhe koye Ghaat kinara Beda Dubya Desh Ka