सत्संग मैं सुरता चाल अपनी नब्ज दिखा लिए Lyrics

 सत्संग मैं सुरता चाल अपनी नब्ज दिखा लिए
तन्नैं मिलज्या वेद अगम का अपना रोग कटा लिये

1. पहले तै तूं कथा सुणलिए, चौथे राम की
सुण के कथा तूं मांग लिए ​​फिर भिक्षा नाम की
लेके भिक्षा नाम रट्या कर सुबह शाम की
बिना भजन या देही कोन्या किसे काम की
सच्चे सौदे धाम की, तूं खुशी मना लिए .......

2. तावल करके चाल हे सुरता, कहया मान ले मेरा
सत्संग के म्हां रोग कटे उड़े ब्याह हो ज्यागा तेरा
गंगन मंडल मैं मंडप रच दिया संत करावै फेरा
तन्नैं शब्द पति अणजाया मिलज्या होज्या दूर अंधेरा
तन्नैं जब पाटेगा बेरा सुरता, अपना स्वरूप लखा लिए ......

3. पांच पच्चीसा दिन के तीसां तेरे रस्ते मैं आवेंगे
​ब्रहृमा विष्णु शिव शंकर तन्नैं बैठे पावेंगे
डाकण साकण धर्मदूत तन्नैं घणे सतावेंगे
दशमे द्वार पै शेर खड़े तन्नैं खावण आवेंगे
शब्द डोर सतगुरू की लेके, तूं पकड़ के चालिए ....

4. चौदह चौकी लगे काल की, मत दिल मैं घबराणा
शब्द सैल तन्नैं दे दे सुरता, तोड़ जमां का थाणा
चाल विहंगम हो ज्यागी, तन्नैं देश अनामी मैं जाणा
वहां पर सतगुरू मिल ज्यांगे, परम संत छह सौ मस्ताना
गुण सतगुरू के गाणा बैठ के, चरण दबा लिए .....



Satsang me surta chal apni Nabaj Dikha liye
Tanne Mil Jya Vaid agam ka apna Rog Kata Liye
Lyrics in Hindi 

BOL BHAJAN