मन होज्या दीवाना रै, बालाजी के चरणों में

 मन होज्या दीवाना रै, बालाजी के चरणों में
तूं तो करले ठिकाना रै, बालाजी के चरणों में 

1. पिता पवन अंजनी महतारी, शिव शंकर के हो अवतारी
सारा झुकता जमाना रे .......

2. अष्ट सिद्धी नव निधि के दाता, दीनों के अटके काम बनाता
सारा रहता खजाना रे .......

3. निर्धन को धनवान बनाते, निर्बल को बलवान बनाते
सभी मन को लगाना रे .......

4. तन के सारे रोग मिटाते, भंवर से नैया पार लंघाते
अपनी विनती सुनाना रे .......

5. दास सुभाष चरणा को चेरा, मेरे मन में करो प्रभु डेरा
सब कष्ट मिटाना रे .......

BOL BHAJAN