घणी गई कम रहगी बेटा

 जांदी जांदी ताई मेरे कान मैं न्यू कह गई
घणी गई कम रहगी बेटा घणी गई कम रह गई

1. चाले थे जब नैण प्राण तो, राम नाम ना भज्या
अब बैठी पछताऊं चिडिय़ा, खेत उम्र का चुग्या
अब तो सारी ताण समय की नदियां के संग बहगी ........
        घणी गई कम रहगी बेटा घणी गई कम रह गई

2. अब तो बैठके उठया ना जाता, के सत्संग मैं जाऊं 
माला पकडय़ा हाथ कांपते, भजन करुं तुतलाऊं
नजर गई धुंधला रे बेटा सांस उखड़ के रह गी ........
        घणी गई कम रहगी बेटा घणी गई कम रह गई

3. दोहते पोते टाबर टिक्कर, बहुत बड़ा परिवार
मन सिमरण मैं लागे कोन्या, होगी घणी लाचार
मोह ममता की छूरी सी रुह मैं, गहराई तक बहगी ........
        घणी गई कम रहगी बेटा घणी गई कम रह गई

4. जाल तोड़ के उम्र जवानी, ईश्वर नै ध्याईयो
सागर कृष्ण खटाणा मिले तो वाने भी समझाईयो
काम क्रोध लालच की तिगड़ी दूनियां के म्हां बहगी........
        घणी गई कम रहगी बेटा घणी गई कम रह गई

BOL BHAJAN