प्रीत लगी तुम नाम की पल ना बिसरे नाही
नजर करो अब मेहर की तुम मिलो गुसाईं ........
नजर करो अब मेहर की तुम मिलो गुसाईं ........
1. विरह सतावे हाय अब, जीव तडफ़े मेरा
तुम देखण को चाव है, प्रभु मिलो सवेरा........
2. नैना तरसे दर्श को, पल पलक ना लागे
गरजमंद दीदार का निसि वासर जागे ........
3. जो अबके प्रीतम मिले करुं निमिशन प्यारा
अब कबीर गुरु पाईया मिला प्राण प्यारा ........