घुंघट के पट खोल रे, तन्नैं पिया मिलेंगे

 घुंघट के पट खोल रे, तन्नैं पिया मिलेंगे

1. घट घट में बांहि साईं रमता, कटुक वचन मत बोल रे.......

2. धन जोबन का गर्व ना कीजे, झुठा है पंचरंग चोर ले .......

3. सुन्न महल में दिया बलत है, आसन सै मत डोल रे .......

4. जोग जुगत से रंग महल मै, पिया पावै अनमोल रे .......

5. कहे कबीर आनंद भयो है, बाजे अनहद ढोल रे .......



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BOL BHAJAN