जो शीश तली में धर ना सके वो प्रेम गली में आए क्यों
1. संसार नहीं है रहने को
        यहां कष्ट मिलेंगे सहने को
जिसे प्रेम नगर में आना है वो जग में चित भरमाए क्यों........
जिसे प्रेम नगर में आना है वो जग में चित भरमाए क्यों........
2. तुझे लोभ हंकार से बचना है,
        माया की ये सब रचना है
जो क्रोध से मन को हटा ना सके, तो भक्ति का ढोंग रचाए क्यों
जो क्रोध से मन को हटा ना सके, तो भक्ति का ढोंग रचाए क्यों
3. जो प्रेम नगर में रहते हैं
        उसे लोग बांवरा कहते हैं
जो ताने जग के सह ना सके, सतुगुरु से प्रीत लगाए क्यों ....
जो ताने जग के सह ना सके, सतुगुरु से प्रीत लगाए क्यों ....
4. जिसे भवसागर से तरना है,
        उसे छोड़ खुदी खुद को मरना है
सतगुरु से प्रेम निभा ना सके तो इष्टदेव अपनाए क्यों ........
सतगुरु से प्रेम निभा ना सके तो इष्टदेव अपनाए क्यों ........
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