भिखारण मांगने भिक्षा तेरे अब दर पै आई है
गुनाह क्या हो गया मुझसे नजर तुमने चुराई है
गुनाह क्या हो गया मुझसे नजर तुमने चुराई है
1. उठा के हाथ में खंजर
चाहे सिर काट दे मेरा
नहीं गम मौत की मुझको कसम तुमसे खाई है ..........
नहीं गम मौत की मुझको कसम तुमसे खाई है ..........
2. खुशी दे चाहे गम दे
समझ में जो तेरे आए
खड़ी है सामने आकर मुसीबत की सताई है ..........
खड़ी है सामने आकर मुसीबत की सताई है ..........
3. तसल्ली दो मेरे दिल को
खड़ी में तलब तेरी में,
मिटानी भी तुम्हें होगी तलब तुमने लगाई है ..........
मिटानी भी तुम्हें होगी तलब तुमने लगाई है ..........
4. बख्श दे या फना कर दे
सभी कुछ हाथ है तेरे
फिदा मिलखान सिंह तुम पर मिली यही ये सफाई है ..........
फिदा मिलखान सिंह तुम पर मिली यही ये सफाई है ..........