सदा राम नाम गुण गा जिन्दड़ी
भुल जावीं ना कंवल्लड़े राह जिन्दड़ी
भुल जावीं ना कंवल्लड़े राह जिन्दड़ी
1. एह जन्म ना बारम्बार तेरा, होणा इसी जन्म में उद्धार तेरा
गंगा सत्संग दे विच न्हा जिन्दड़ी ............
2. दया धर्म मूल पहचान सदा, जहां दया वहां जिंदाराम सदा
रखी राम नूं मिलण दा चा जिन्दड़ी ............
3. जिस रस्ते जमा ले जाणा हे, बड़ी गर्मी बहुत घबराणा है
सुख जासी अन्दर दी साह जिन्दड़ी ............
4. उस रस्ते मैं चोर चकार बड़े, काम क्रोध अहंकार खड़े
खण्डा ज्ञान बैराग चला जिन्दड़ी ............
5. तैन्नु अन्न जल नहीं दिखलाया है, तैन्नु मछलां वांग तडफ़ाना है
उस रस्ते दा खर्च बना जिन्दड़ी ............
6. एत्थे बैठ किसे नहीं रहणा हे, ऐह शाह मस्ताने दा कहना हे
होणा कुल ने अन्त फनाह जिन्दड़ी ............