गाड्डी वाले मन्नैं बिठाले, एक बै गाडी थाम भक्त मैं हार गया

 गाड्डी वाले मन्नैं बिठाले, एक बै गाडी थाम भक्त मैं हार गया

1. नरसी भगत यूं कहण लगे गाड़ी मेरी पुरानी है
वो बोल्या मैं ठीक करुंगा नहीं मेरे तै छानी है
खाती मेरी जात भगत रे, किशनो मेरो नाम ........

2. हाथ हथोड़ी बगल वसोली और करोती आरी है
नरसी जी की टूटी गाडी हरी नै आप संवारी है 
नरसी बोल्या भजन सुणा द्यूं नहीं मेरे पै दाम ........

3. सोलह बैठे बाबा जी, गाडी मैं फेर रहे माला
गाडी पवन समान चली, हरि आप बने थे रखवाला
मैं भी थारे संग चलूंगा थोड़ी दूर मेरो गाम ........

4. .          . रखवाला और कभी कभी रथवान बने 

बकी रक्षा करता ईश्वर जो भी उसका ध्यान धरे
किशनो खाती चाल पडय़ो अब कर भक्तां नै प्रणाम ........


BOL BHAJAN