गिरधर के घर जाऊं राणा जी

 गिरधर के घर जाऊं राणा जी मैं तो गिरधर के घर जाऊ

गिरधर म्हारो साचो प्रीतम, देखत रुप लुभाऊं


1. रैन पड़े तब ही उठ जाऊं, भोर भये उठ जाऊं

रैन दिना वाके संग मैं खेलूं, ज्यों रिझे त्यों ही रिझाऊं........


2. जो वस्त्र पहिरावे सो पहरुं, जो दे दे सो ही खाऊं

मेरी उनकी प्रीति पुरानी, उन बिन पल रह ना पाऊं ........


3. जहां बैठावे तित ही बैठूं, बेचे तो बिक जाऊं

जन मीरा गिरधर के उपर, बार-बार बलि जाऊं ........


BOL BHAJAN FOR NEW HINDI HARYANVI RAJASTHANI BHAJAN SHABAD LYRICS 
https://www.bolbhajan.com/
Meera Bhajan Lyrics Mira krishan

BOL BHAJAN