सहजो सिणगारो हेली सहजो सिणगारो हे

 सहजो सिणगारो हेली सहजो सिणगारो हे
सतगुरु जी से मिलवा चालां हेली सहजो सिणगारो हे

1. गुरु शब्दां को टिक्को लगावो, कचरो परे निवारो हे
राम नाम की टिक्की लगाल्यो, सत्संग सुरमो सारो हे .......

2. लगन लुगड़ी ओढ सुहागण प्रेम की पटरी पारो हे
गुरुगम गोटो कोर लगाके ज्ञान घुंघटो सारो हे .......

3. दया धर्म को पहर घाघरो, नेम को नाड़ो सारो हे
करणी की गांठ जुगत से दीज्यो, ना लोग हंसलो सारो हे .......

4. ओर पियो म्हारे हाथ ना आवै अजर अमर पियो म्हारो हे
वा पिया लग रही डोरी, एक पलक नहीं न्यारो हे .......

5. नाथ गुलाब मिल्या गुरु पूरा, दियो शब्द टक सारो हे
भानी नाथ शरण सतगुरु की, सहजो लियो किनारो हे .......


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BOL BHAJAN