मां काली आगी हे, भक्तां के कष्ट मिटावण नै
1. मां काली झुमती आई, हे जिह्वा लाल दिखाई
या उसकी मेहर करै सै, जिसनै भी ज्योत जगाई
खप्पर आली आगी हे, या सबनै दिर्श दिखावण नै.....
2. इनैं मांग लिया श्रृंगार, करकै दुखियां का उद्धार
दरबार मैं आगे मांगे या तो सबकी सुने पुकार
जग रखवाली आगी हे, मां अपना खेल दिखावण नैं.....
3. मां शनिवार दुकवावै, पेड़े का भोग लगावै
जो सच्ची बनी भक्तिनी, उसके सिर पै खेलया चाहवे
मां काली आगी हे, बेटी की मेहर जतावण नै.....
4. मां सबकै संकट काटे, या नहीं किसै नै नाटे
या गहणा वहां धरावै, जहां चार रास्ते पाटे
देखी भाली आगी हे, या साची बात बतावण नै.....
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Ma Kali Peshi Bhajan
Singer Narender Kaushik
Ma Kali Aagi He Bhagta Ke Kasht Mitawan ne