जलती रहे, जलती रहे बजरंगी, ज्योत तेरी जलती रहे
1. बालापन रवि मुख में डारा, मचग्या हा हाकार ...............
2. जब देवों ने आन पुकाना, मुख रवि को निकारा ..............
3. कुद गये सो योजन पारा, बाग अशोक उजारा ...............
4. सोने की गढ लंका जराई, मां को धीर बंधाई ...............
5. द्रोणगिरी पर देखी माया, महाबीर झुंझलाया ...............
6. सरजीवन जब खोज ना पाया, पर्वत ही ले आया...........
7. रोम रोम मैं राम समाया, सीना चीर दिखाया ...............
8. घृत सिन्दूर जो तेरे चढावे, मन इच्छा फल पावे ...............
9. राम अवतार तेरा गुण गावै, चरणा शीश निवाया ...............