मतलब की दूनियां, भूल्या फिरै जग सारा
1. गोरख जोगी ज्ञान गरीबी दुई बात ना करना
यो संसार बाड़ का कांटा, निरख निरख पग धरना ..........
2. कांटे बिना कांटा ना निकले, कुंजी बिना ना ताला
साधु बिना सत्संग ना होगी किस विधि हो उजियाला ..........
3. बिना दरखत नगरी ना सोहे, बिना बरंगे ना कडिय़ां
बिन पुत्र माता ना सोहे, लख स्वर्ण में जडिय़ां ..........
4. शरण मछंदर जति गोरख बोल्या यो पद है निर्वाणी
जो इस पद की निंदा करदे, जांगे वो नरक निशानी ..........
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