तन्नैं मेरा पिया मोह लिया हे, हे सुण चमक चुंदड़ी आली
1. मेरे पिया नैं महल चिणाया, बीच मैं लाई अलमारी
ओड़े धोड़े छोड्डे झरोके, छज्जे की झब न्यारी
2. मेरे पिया नैं बाग लगाया, खूब खिली फूलवारी
ओड़े धोड़े पेड़ आम के, केले की झब न्यारी
3. मेरे पिया की बणाई रसोई, भर ल्याई जल झारी
रुके दे दे गला बैठ ग्या, झोली दे दे हारी
4. मेरे पिया की सेज बिछाई, चादर तकिए लारी
ओड़े धोड़े फूल बिखेर दिए, बीच मैं चांद खिलारी
5. कहै कबीर भजो सतगुरु नैं, महिमा अपरंपारी
इस बाणी का कोई अर्थ लगावै, साधू वो हितकारी