उसका के करले संसार, जिसका राम रूखाला हो
1. के थी कसर बिघन मैं बहना
बैठा प्रहलाद अग्न मैं बहना
ठंडे होगे कती अंगार, देखा ढंग निराला हो
2. सीता कैद पड़ी रावण की
देखे बाट राम आवण की
जिसतै गए देवता हार, उसते भिड़ग्या ताला हो
3. कंस ने भर दिया घड़ा पाप का
उसतै तारया ताज पाप का
हे दिया झटतै धरती मार, बनकै कृष्ण काला हो
4. कृष्ण लाल गुरू की वाणी
सेवा भक्ति हो ज्या ठाणी
मन मैं प्रेम शब्द की धार, रटल्यो हर की माला हो