मेरा सूट सिमादे री सासू, जाऊंगी बालाजी के धाम पै

 मेरा सूट सिमादे री सासू, जाऊंगी बालाजी के धाम पै


1. हाथां के म्हां चूड़ी कोन्या मैं तो सुहागण नारी

जेठानी मेरी चूड़ी पहरे, आरी सै मनिहारी

मन्नै चूड़ी पहरादे री सासू, जाऊंगी बालाजी के धाम पै


2. रेखा, दया ओर रितू गेल्यां सुमन भी सै जारी

गुरु मुरारी संग मैं जावै भर भर जावै लारी

मन्नैं दर्श करादे री सासू, जाऊंगी बालाजी के धाम पै


3. ओल्हा करती आणा री सासू टूट गया मेरा कोका

मेहंदीपुर मैं जाणे का ना इसा मिले कोई मौका

मेरा कोका घड़ादे री सासू, जाऊंगी बालाजी के धाम पै


4. प्रवीन मराठा कारखानिएं नैं नाटण की सै बाण

नरेंद्र कौशिक गुरु मुरारी गेल्या लगरया जाण

मन्नैं भाड़ा दिवादे री सासू, जाऊंगी बालाजी के धाम पै


BOL BHAJAN