बांझण रोती आई तेरे द्वार बालाजी
मन्ने बेटे की सुणादे किलकार बालाजी
मन्ने बेटे की सुणादे किलकार बालाजी
1. तेरे सिवा बाबा मेरा दूनियां मैं कोई ना
रातों रोऊं जाऊं कदे सुख तै मैं सोई नां
सासू के बोलां की बूरी मार बालाजी
2. खाया नहीं गूंद कदे पंजीरी ना खाई हो
घाल के ना देखी कदे छठी की भी स्याही हो
बेटे का ना बेरा किसा प्यार बालाजी
3. सुसरा यो जेठ मेरा चाहवै सै तलाक हो
झोली करे खड़ी बाबा, लाज मेरी राख हो
बांझ कहै ननदी बार-बार बालाजी
4. बेटे बिना नहीं सै यो पाया नै ठिकाना हो
दुखिया पुकारे तन्नै बाबा होगा आणा हो
बेटी की तूं सुणले पुकार बालाजी
5. गुहणियां नै तेरे सिवा किसे का सहारा ना
मारा मारा सारे फिरे ओर कोए चारा ना
अशोक नैं यो तेरा ऐतबार बालाजी