म्हारे कुल की बेल चलादे हो जोगी, मानूं अहसान
1. दीन दयाल दया के दाता
बण ज्या मेरा भाग्य विधाता
मेरा रुस्या राम मनादे हो जोगी .....
2. मैं दुखियारी कर्म की मारी
बांझ कहे मन्नें दुनियां सारी
मेरी सुनी गोद सजादे हो जोगी .....
3. मेहर फिरी ना सृजन हार की
पूत बिना ना कदर नार की
म्हारा उजड़ा ढूंढ बसादे हो जोगी .....
4. लेखां मैं के झूठ लिखी सै
बिना पूत नहीं अगत गति सै
मेरा सोया भाग जगादे हो जोगी .....
5. बिना औलाद किसा घरवासा
कती टूट ली मेरी आसा
टूटी धीर बंधादे हो जोगी .....
6. सदा फल़े संतों की वाणी
रामकिशन मेरी दुखद कहानी
हो करके दया दिखादे हो जोगी .....