तेरी नजरों का दाता जी कमाल हो गया

 तेरी नजरों का दाता जी कमाल हो गया
माला माल हो गया मैं माला माल हो गया
1. आय तो मैंने तुझको ही पड़ा (कुरान शरीफ)
और श्लोकों में मुझे था तूं मिला  (गीता) 
हर चौपाई में था दाता तूं रुबरु (रामायण)
शब्दों में ये बिखरा था जलवा तेरा (गं्रथ साहिब)
जलवा गार मेरा हर ख्याल हो गया ...........

2. टूट के इस तरह से तुझको मैं चाहूंगा
मैं दीवाना वार तुझको ढूंढूंगा
भीड़ मैं छिपने की दाता कोशिश ना कर
ढूंढ लेगी तुझको मेरी ये चश्मेतर
तूं दयाल हो गया मैं पापमाल हो गया ...........

3. अब तुझको नही जाना है छोड़ कर 
दिल लगाना है अब ये कहां मोड़ कर
कहते हैं के लगता है के दिल एक बार
बेवफा ही बदलते हैं रोजयार
मैं तुझको ही पाकै बे मिसाल हो गया ...........




BOL BHAJAN